मन के भोले- भाले बादल

व्याख्या  :-


उपरोक्त कविता में कवि बादलो उसके कामों और असमान में उनको देखने पर वे कैसे लगते उसको बताते हुए लिखते है कि ---------

इन बादलो को देख कर लग रहा है कि मानो वे बिखरे-बिखरे बालो वाले है और उनके गाल गुबारों की तरह फूले हुए है| यानि की मोटे मोटे गालो वाले है| और जब वे हवा के साथ असमान पर उड़ते है तो ऐसा लगता है कि, मानो काले बादल मस्त होकर असमान में आपस में दौड लगा रहे हो और नाच रहे, हो झूम रहे हो|

      कुछ बादल ऐसे लगते है मानो उनकी तोद निकली हुयी है और मोटे पेट वाले किसी जोकर की तरह लगते है, कुछ सूंड उठाये हाथी के जैसे है तो कुछ की ऊंट जैसी कूबड़ है| कुछ बदलो के पंख है जो की परियो के जैसे लग रहे है|

   जिस प्रकार एक शेर जंगल में बिना डर के घूमता है वैसे ही ये बादल असमान में बिना डर के घूम रहे है और एक दूसरे से टकरा रहे है| लड़ रहे है|

     कुछ बदलो को देख कर लग रहा है मानो ये तो तेज हवा(तूफान) पर सवार है| शैतानी करते ये बादल कंधे पर रखे थैले से सब पर पानी गिरा रहे है| इतने शैतान बादल है कि वो किसी की कुछ बात नही सुनते| अपना ही राग और अपना ही ढोल बजाते है मतलब अपनी ही मनमानी करते है गरजते है शौर मचाते है |

   कभी तो एैेसा लगता है की मानो हमारे ही सर के उपर है और कभी फिर वो दूर उड़ जाते और कभी तो इतना बरसते है की नदियों में बाढ़ तक आजाती है| और वो इतने जिद्दी है की किसी की सुनते तक नही हैं
    पर कुछ भी कहो वो लगते सबको अच्छे है क्यों की बादल मन के बडे भोले-भाले है 


रिमझिम पाठ- 1. मन के भोले-भाले बादल

तुम्हरी समझ से

कभी-कभी जिद्दी बन करके
बाढ़ नदी-नालों मेर लाते

(क) बादल नदी-नालों में बाढ़ कैसे लाते होंगे?

उत्तर- जब बादलों से बहुत अधिक बारिश होती होगी, तब नदी-नालों में नहुत ज्यादा पानी भर जाने से उनमें बाढ़ आ जाती होगी| इस तरह बादल नदी-नालों में बाढ़ लाते होंगे|

नहीं किसी की सुनते कुछ भी
ढोकल-ढोल बजाते होंगे?
(ख) बादल ढोल कैसे बजाते होंगे?

उत्तर- बादलों के आपस में टकराने से तेज आवाज होती होगी| इस तरह बार-बार टकराकर वे बार-बार गरजते होंगे| उसे सुनकर ऐसा लगता होगा के वे ढोल बजा रहे हैं|

कुछ तो लगते तूफानी
कुछ रह-रह करते शैतानी

(ग) बादल कैसी शैतानियाँ करते होंगे?
उत्तर- बादल कभी तेज आँधी और बारिश करते होंगे, कभी रुक जाते होंगे| कभी आपस में टकराकर चमकते-गरजते होंगे| कभी नदी-नालों में बाढ़ ला देते होंगे| इस प्रकार बादल तरह-तरह की शैतानियाँ करते होंगे|
उत्तर-

कैसा
कौन
सूरज-सी
चमकीली
थाली
चंदा-सा
गोरी
मुखड़ा
हाथी-सा
भारी-भरकम
आदमी
जोकर-सा
मोटी
नाक़
परियों-सा
सुन्दर
पंख
गुब्बारे-सा
फूला
पेट
ढोलक-सा
बजता
डिब्बा


कविता से आगे
(क) तूफान क्या होता है? बादलों को तूफानी क्यों कहा गया है?
उत्तर- बारिश के साथ तेज चलने वाली आँधी को तूफ़ान कहते हैं| बादल ही तेज आँधी और बारिश लाते हैं, इसीलिए उन्हें तूफानी बादल कहा गया है|
(ख) साल के किन-किन महीनों से ज्यादा बादल छाते हैं?
उत्तर- जून और जुलाई में ज्यादा बादल चाते हैं|
(ग) कविता में कालेबादलों की बात की गई है| क्या बादल सचमुच काले होते हैं?
उत्तर- कुछ बादल काले दिखाई देते हैं तो कुछ भूरे और सफ़ेद| लेकिन बादल सचमुच काले नहीं होते| वे तो पानी की भाप से बनी बूँदों से बने हुए होते हैं|


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